मोती रत्न

Pearl at Gems For Everyone
Share this to

मोती को अंग्रजी में पर्ल कहते हैं। यह चंद्रमा का रत्‍न है इसलिए इसे चंद्रमा संबंधी दोषों के निवारण के लिए पहनते हैं। प्राचीनकाल से ही मोती का उपयोग विभिन्‍न प्रयोजनों में किया जाता होगा इसलिए इसका वर्णन ऋगवेद में भी मिलता है।

मोती रत्न की प्राकृतिक उपलब्‍धता:

मोती रत्न समुद्र में सीपियों द्वारा बनाया जाता है। इस कारण इसकी उपलब्‍धता मुश्किल और कम होती है। अच्‍छी गुणवत्‍ता का मोती बहुत मूल्‍यवान और कम ही पाए जाते हैं। ये सफेद चमकदार और कई आकार में होते हैं लेकिन गोल मोती ही सबसे उत्‍कृष्‍ट माना जाता है और यही खरीदा और बेचा जाता है।

वर्तमान में मोतियों का कल्‍चर भी शुरू हो गया है। समुद्र से सीपियों को पालकर उन्‍हें ऐसी अवस्‍था में रखते हैं कि उनमें मोतियों का प्रोडक्‍शन हो सके। इस प्रक्रिया को ‘पर्ल कल्‍चर’ कहते हैं। इस प्रकार तैयार मोती असली मोतियों की श्र‍ेणियों में ही आते हैं। सभी रत्‍नों में मोती ऐसा रत्‍न है जिसका फैशन इंडस्‍ट्री में बहुत इस्‍तेमाल किया जाता है।

विज्ञान और मोती रत्न:

वैज्ञानिक रूप से मोती कै‍ल्शियम कार्बोनेट है जो कि अपनी सबसे छोटी क्रिस्‍टेलाइन अवस्‍था में मोती के रूप में पाया जाता है।

90% लोगों को रत्नों से परिणाम क्यों नहीं मिलता? आप आपके लग्न, दशा और महादशा के अनुसार सही रत्न धारण नहीं कर रहे है। आज ही अपनी कुंडली प्राप्त करें, और अपने भाग्यशाली रत्न के बारें में जाने यहाँ क्लिक करें

कृत्रिम मोती

ज्‍योतिष शास्‍त्र के साथ-साथ मोती का इस्‍तेमाल साजोश्रृंगार में भी किया जाता है। इसलिए बाजार में इसकी मांग बहुत है। अधिक मांग होने के कारण बाजार में नकली मोती भी उपलब्‍ध होते हैं। नकली या कृत्रिम मोती प्‍लास्‍टिक और कांच आदि की सहायता से तैयार किया जाता है।

मोती रत्न के गुण:

प्राचीन गाथाओं के अनुसार शुद्ध मोती तारे के जैसे चमकता है। ज्‍योतिष में एकदम गोल मोती को सबसे श्रेष्‍ठ मानते हैं। इसमें न तो कोई रेखा होती हैं और न ही इन पर किसी किए हुए काम के निशान होते हैं। यह ज्ञान को बढ़ाने वाला व धन प्रदान करने वाला रत्‍न है। चंद्रमा का रत्‍न व्‍यक्ति के व्‍यवहार को शांत करता है। निर्बलता को दूर कर चेहरे पर कांति लाता है।

ज्‍योतिष और मोती रत्न के लाभ

मोती चंद्रमा का रत्‍न है इसलिए जिसकी जन्‍मकुंडली में चंद्रमा क्षीण, दुर्बल या पीडि़त हो उन्‍हें मोती अवश्‍य धारण करना चाहिए। निम्‍न परिस्‍थ‍ितियों में इसे ग्रहण करें:

यदि जन्‍मकुंडली में सूर्य के साथ चंद्रमा उपस्थित हो तो वह क्षीण होता है। इसके अलावा सूर्य से अगली पांच राशियों के पहले स्थित होने पर भी चंद्रमा क्षीण होता है। ऐसी स्थिति में मोती धारण करना चाहिए।केंद्र में चंद्रमा हो तो उसे कम प्रभाव वाला या अप्रभावी मानते हैं। ऐसे में केंद्र में चंद्रमा होने पर भी मोती पहनना चाहिए।दूसरे भाव अर्थात धन भाव का स्‍वामी यदि चंद्रमा हो तो यह कुंडली मिथुन लग्‍न में होगी। ऐसे में अगर चंद्रमा छठे भाव में बैठा हो तो मोती धारण करना बहुत उत्‍तम होता है।जन्‍मकुंडली में अगर चंद्रमा पंचमेश होतर बारहवें भाव में हो या सप्‍तमेश होकर दूसरे भाव में हो, नवमेश होकर चतुर्थ भाव में हो, दशमेश होकर पंचम भाव में हो तथा एकादशेश होकर षष्‍ठम भाव में स्थित हो तो ऐसे व्‍यक्ति को यथाशीघ्र मोती धारण कर लेना चाहिए।किसी भी कुंडली में अगर चंद्रमा वृश्‍चिक राशि का हो तो इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ता कि वो किस भाव में है। ऐसे जातक को बिना विलंब मोती धारण करना चाहिए।इसी प्रकार चंद्रमा छठें, आठवें और बारहवें भाव में हो तो भी मोती धारण कर लेना चाहिए।यदि चंद्रमा राहू, केतु, शनि और मंगल के साथ बैठा हो या इनकी दृष्‍टि चंद्रमा पर हो तो भी मोती धारण करना चंद्रमा के अच्‍छे फल देता है।चंद्रमा जिस भाव का स्‍वामी हो उससे छठे या आठवें स्‍थान में अगर वह स्‍थ‍ित हो तो भी मोती धारण करना चाहिए।अगर चंद्रमा नीच का हो, वक्री हो या अस्‍तगत हो, इसके अलावा चंद्रमा के साथ राहू के ग्रहण योग बना रहा हो तो भी मोती धारण कर लेना चाहिए।यदि विंशोत्‍तरी पद्धति से चंद्रमा की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो ऐसे व्‍यक्‍ति को भी मोती पहन लेना चाहिए।

मोती रत्न का प्रयोग:

मोती को 2, 4, 6 या 11 रत्‍ती का धारण करना चाहिए। इसे चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए। इसके बाद किसी शुक्‍ल पक्ष के सोमवार को विधिनुसार उपासनादि करके तथा 11000 बार ऊं सों सोमाय: नम: मंत्र जाप करके संध्‍या के समय इसे धारण करना चाहिए।

ऐसा समय आता हैं जब हम समस्याओं में फंस जाते हैं। हम कितनी भी कोशिश कर लें, हम खुद को उसमें फंसा हुआ पाते हैं। हमारे विशेषज्ञ द्वारा कुंडली का अध्ययन करके आपका भाग्यशाली रत्न द्वारा जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेंगे। आज ही अपनी कुंडली प्राप्त करें, यहाँ क्लिक करें

मोती रत्न का विकल्‍प

मोती की उपलब्‍धता और शुद्ध मोती के बहुत महंगा होने के कारण इसके बदले चंद्रकांत मणि या सफेद पुखराज धारण किया जा सकता है। इस बात का विशेष ध्‍यान रखना चाहिए कि मोती और उसके विकल्‍प के साथ हीरा, पन्‍ना, गोमेद, नीलम और लहसुनिया कभी धारण नहीं करना चाहिए।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मोती, चन्द्र गृह का प्रतिनिधित्व करता है!

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मोती, चन्द्र गृह का प्रतिनिधित्व करता है! कुंडली में यदि चंद्र शुभ प्रभाव में हो तो मोती अवश्य धारण करना चाहिए! चन्द्र मनुष्य के मन को दर्शाता है, और इसका प्रभाव पूर्णतया हमारी सोच पर पड़ता है! हमारे मन की स्थिरता को कायम रखने में मोती अत्यंत लाभ दायक सिद्ध होता है! इसके धारण करने से मात्री पक्ष से मधुर सम्बन्ध तथा लाभ प्राप्त होते है! मोती धारण करने से आत्म विश्वास में बढहोतरी भी होती है ! हमारे शरीर में द्रव्य से जुड़े रोग भी मोती धारण करने से कंट्रोल किये जा सकते है जैसे ब्लड प्रशर और मूत्राशय के रोग , लेकिन इसके लिए अनुभवी ज्योतिष की सलाह लेना अति आवशयक है, क्योकि कुंडली में चंद्र अशुभ होने की स्तिथि में मोती नुक्सान दायक भी हो सकता है! पागलपन जैसी बीमारियाँ भी कुंडली में स्थित अशुभ चंद्र की देंन होती है, इसलिए मोती धारण करने से पूर्व यह जान लेना अति आवशयक है की हमारी कुंडली में चंद्र की स्थिति क्या है!

छोटे बच्चो के जीवन से चंद्र का बहुत बड़ा सम्बन्ध होता है क्योकि नवजात शिशुओ का शुरवाती जीवन, उनकी कुंडली में स्थित शुभ या अशुभ चंद्र पर निर्भर करता है! यदि नवजात शिशुओ की कुंडली में चन्द्र अशुभ प्रभाव में हो तो बालारिष्ठ योग का निर्माण होता है! फलस्वरूप शिशुओ का स्वास्थ्य बार बार खराब होता है, और परेशानिया उत्त्पन्न हो जाती है, इसीलिए कई ज्योतिष और पंडित जी अक्सर छोटे बच्चो के गले में मोती धारण करवाते है! द्रव्य से जुड़े व्यावसायिक और नोकरी पेशा लोगों को मोती अवश्य धारण करना चाहिए, जैसे दूध और जल पेय आदि के व्यवसाय से जुड़े लोग, लेकिन इससे पूर्व कुंडली अवश्य दिखाए !

मोती धारण करने की की विधि

यदि आप चंद्र देव का रत्न मोती धारण करना चाहते है, तो 4 से 9 कैरेट के मोती को चाँदी की अंगूठी में जड्वाकर किसी भी शुक्लपक्ष के प्रथम सोमवार को सूर्य उदय के पश्चात अंगूठी को दूध, गंगा जल, शक्कर और शहद के घोल में डाल दे! उसके बाद पाच अगरबत्ती चंद्रदेव के नाम जलाये और प्रार्थना करे की हे चन्द्र देव मै आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आपका प्रतिनिधि रत्न, मोती धारण कर रहा हूँ, कृपया करके मुझे आशीर्वाद प्रदान करे! तत्पश्चात अंगूठी को निकाल कर ॐ सों सोमाय नम: का 108 बारी जप करते हुए अंगूठी को अगरबत्ती के उपर से घुमाए फिर मंत्र के पश्चात् अंगूठी को शिवजी के चरणों से लगाकर कनिष्टिका ऊँगली में धारण करे! मोती अपना प्रभाव 21 दिन में देना आरम्भ कर देता है, और लगभग 3 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है फिर निष्क्रिय हो जाता है! 3 वर्ष के पश्चात् पुनः नया मोती धारण करे! अच्छे प्रभाव प्राप्त करने के लिए साऊथ सी का 4 से 9 कैरेट का मोती धारण करे! मोती का रंग सफ़ेद और कोई काला दाग नहीं होना चाहिए!

मोती रत्न

सादगी, पवित्रता और कोमलता की निशानी माने जाने वाला मोती एक चमत्कारी ज्योतिषीय रत्न माना जाता है। इसे मुक्ता, शीशा रत्न और पर्ल (Pearl) के नाम से भी जाना जाता है। मोती सिर्फ एक रंग का ही नहीं होता बल्कि यह कई अन्य रंगों जैसे गुलाबी, लाल, हल्के पीले रंग का भी पाया जाता है। मोती, समुद्र के भीतर स्थित घोंघे नामक कीट में पाए जाते हैं।

मोती के तथ्य

मोती के बारे में बताया जाता है कि यह रत्न, बाकी रत्नों से कम समय तक ही चलता है क्योंकि यह रत्न रूखेपन, नमी तथा एसिड से अधिक प्रभावित हो जाता है।
प्राचीनकाल में मोती को सुंदरता निखारने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता था तथा इसे शुद्धता का प्रतीक माना जाता था।

खुशी और समस्याएं एक सिक्के के दो पहलू हैं। जीवन में सफलता हासिल करने के अवसरों को न छोड़ें। विशेषज्ञों से आज ही अपनी कुंडली बनाए

मोती के लिए राशि

कर्क राशि के जातकों के लिए मोती धारण करना अत्याधिक लाभकारी माना जाता है । चन्द्रमा से जनित बीमारियों और पीड़ा की शांति के लिए मोती धारण करना लाभदायक माना जाता है।

मोती के फायदे
मोती धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। जो जातक मानसिक तनाव से जूझ रहें हों उन्हें मोती को धारण कर लेना चाहिए।
* जिन लोगों को अपनी राशि ना पता हो या कुंडली ना हो, वह भी मोती धारण कर सकते हैं।
स्वास्थ्य में मोती का लाभ
* मानसिक शांति, अनिद्रा आदि की पीड़ा में मोती बेहद लाभदायक माना जाता है।
* नेत्र रोग तथा गर्भाशय जैसे समस्या से बचने के लिए मोती धारण किया जाता है।
* मोती, हृदय संबंधित रोगों के लिए भी अच्छा माना जाता है।

कैसे धारण करें मोती

ज्योतिषानुसार मोती सोमवार के दिन धारण करना शुभ होता है। मोती धारण करते समय चन्द्रमा का ध्यान और उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए। चांदी की अंगूठी में मोती धारण करना अत्यधिक श्रेष्ठ माना जाता है।

मोती के उपरत्न
मान्यता है कि मोती नहीं खरीद पाने की स्थिति में जातक मूनस्टोन, सफेद मूंगा या ओपल भी पहन सकते हैं।

नोट: किसी भी रत्न को धारण करने से पहले रत्न ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।

Speak with a Gemstone Expert

Need help or guidance selecting your perfect Gemstone? Speak with our Experts at (+91) 8275555557 or (+91) 8275555507

Gems For Everyone is a global authority in Diamond Jewellery, GIA-IGI Certified Diamonds, and Astrological Gemstones. With over 10,00,000+ Happy Customers and a 4.9 / 5 Google Review Rating, we take pride in our exceptional services. Explore a vast collection of 1000+ articles written by our Gem Professionals and Astro Gemologists covering Diamonds, Gemstones, Rudraksha, and Astrology. Visit the Gems For Everyone Blog and Education Section to dive into a world of knowledge.

At Gems For Everyone, we understand the importance of authenticity and customer trust. We take pride in being a reliable and established source for authentic diamond jewellery & gemstones. Our commitment to providing genuine products ensures that you receive only the finest jewellery & gems that will truly enrich your life.

Shop with confidence and explore our exquisite collection of genuine diamonds & gemstones. Your satisfaction and trust are our top priorities.

Connect with Us

Personalized Gemstone Consultation

Gems For Everyone has a team of learned astrologer who will guide you in choosing the most suitable astrological gemstones on the basis of your birth-details.

Gem Consultation Premium Kundli
GFE Janam Kundli

Share this to